Question:- Translate the following into English.
किसी जापानी दार्शनिक ने कहा था- हाथों की उंगलियों के सहारे एक दिन हम सारे संसार पर विजय प्राप्त कर लेंगे। जापानवासियों ने आज इस कथन को सत्य करके दिखा दिया है। अमेरिका जैसा देश भी जापान से पिछड़ने लगा है। इसका कारण है- जापानियों की निरन्तर कार्य करती हुई उंगलियाँ। उनकी उंगलियों में छिपा है सफलता पाने का मूल मन्त्र - लगातार परिश्रम। परिश्रम के बल पर ही व्यक्ति हर इच्छित वस्तु पा सकता है। परिश्रम के बल पर ही व्यक्ति विकास की ऊँचाई पर पहुँच सकता है।
परिश्रम का कोई विकल्प नहीं। इसके सामने कोई जोड़-तोड़ नहीं चल सकता। यदि हम अपने आस-पास देखें तो पाएंगे कि बहुत सामान्य से दिखाई देने वाले व्यक्तियों ने परिश्रम करते हुए कुछ ही वर्षों में सब कुछ पा लिया। जो लोग परिश्रम करते हैं, वे कभी भी साधनों की कमी का रोना नहीं रोया करते। वे लगातार परिश्रम करके सभी प्रकार के साधन स्वयं प्राप्त कर लिया करते हैं। इसके विपरीत जो व्यक्ति परिश्रम नहीं करना चाहते, वे हरदम किसी-न-किसी समस्या का रोना रोते हुए अपनी विफलताओं के लिए भाग्य को उत्तरदायी ठहराते हैं।
Answer:- A Japanese philosopher once said - with the help of the fingers of our hands, one day we will conquer the whole world. Today the Japanese have proved this statement to be true. Even a country like America has started lagging behind Japan. The reason for this is the continuous working fingers of the Japanese. Constant hard work is the basic mantra of success which is hidden in their fingers. A man can get any desired thing only by hard work. A man can reach the heights of development by only on the strength of hard work.
There is no substitute for hard work. There can be no manipulation in front of it. If we look around us, we will find that very ordinary looking people worked hard and achieved everything in a few years. Those who work hard, never cry for lack of resources. They acquire all kinds of means by their own hard work. On the contrary, those who do not want to work hard, always weeping about some problem or the other, blame fate for their failures.
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