मुद्रा और बैंकिंग

भारत में प्राचीन काल में क्रय विक्रय वस्तु विनिमय के द्वारा होता था!

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Money and Banking


सुक्त काल (600 ईसा पूर्व से 350 ईसा पूर्व)

सुक्त काल के समय भारत में सिक्कों का चलन हुआ तथा इन सिक्कों को आहत (बिना लेख वाला सिक्का, केवल चिन्ह) मुद्रा/सिक्का कहा जाता था!

  • भारत में सर्वप्रथम हिंद-यवन शासक मिनांडर ने प्रथम शताब्दी ईस्वी में लेख युक्त सोने के सिक्के चलाए थे!
  • कुषाण-शासक विम कैडफिसस (65 ईस्वी से 78 ईसवी) ने लेख युक्त सोने के सिक्कों को नियमित चलन ने कर दिया था!
  • इल्तुतमिश (1212 ईस्वी से 1236 ईस्वी) ने सर्वप्रथम शुद्ध अरबी सिक्के टका और जीतल चलाया था! इल्तुतमिश ने सर्वप्रथम सिक्कों पर टकसाल (वह जगह जहां सिक्के निर्मित होते हैं) का नाम अंकित कराया था! 
  • वर्तमान में टका बांग्लादेश की मुद्रा है!
  • शेरशाह सूरी ने सर्वप्रथम 1540 ईस्वी से 1545 ईस्वी के बीच रुपया चलाया था!
  • 1861 में लॉर्ड कैनिंग के द्वारा भारत में कागजी मुद्रा चलाया गया था!

मुद्रा के प्रकार

मुद्रा के अंतर्गत मुख्य रूप से सिक्के, पत्र मुद्रा, जमा मुद्रा या बैंक मुद्रा को शामिल किया जाता है!

  1. नजदीकी मुद्रा:- ऐसे संपत्ति को जो ऐसे रूप में हो जिसे जल्दी और आसानी से मुद्रा में परिवर्तित किया जा सकता है! जैसे- घर, जमीन, सोना, चांदी, गाड़ी आदि!
  2. पत्र मुद्रा:- सामान्य रूप से पत्र मुद्रा का अपना कोई मूल्य नहीं है जबकी सिक्के का अपना मूल्य होता है! जैसे सिक्कों को पिघला दिया जाए तो उससे मिलने वाला धातु का अपना कुछ बाजार मूल्य होता है! आरबीआई (RBI) द्वारा मुद्रा जारी की जाती है परंतु भुगतान भारत सरकार के द्वारा की जाती है!
  3. वैद्य मुद्रा:- वैद्य मुद्रा व मुद्रा है जिसे सरकार के आदेश पर चलाई जाती है! उसे कानूनी रूप से अधिकार प्राप्त होता है! जैसे - सिक्के और नोट
  4. गैर वैधानिक मुद्रा:-  इस तरह की मुद्रा सिर्फ व्यक्तिगत विश्वास पर चलाई जाती है अर्थात इस मुद्रा को स्वीकार करने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता है जैसे- ड्राफ्ट, चेक, बिल, टिकट, पोस्टल आर्डर आदि!
  5. वस्तुगत मुद्रा:- ऐसी मुद्रा जिसका मूल्य उस वस्तु पर या वस्तु के आधार पर निर्धारित हो तथा इस प्रणाली में वस्तु ही मुद्रा का कार्य करता है अर्थात वस्तु ही मुद्रा है! जैसे- सोना, चांदी, नमक, चावल आदि!
  6. सस्ती मुद्रा:- मुद्रा का एक महत्वपूर्ण उपयोग उसे उधार देना है तथा उधार के बदले ब्याज दिया जाता है! जब कम ब्याज दर पर मुद्रा मिलती है तो उसे सस्ती मुद्रा कहते हैं!
  7. महंगी मुद्रा:- जब ऊंची ब्याज दर पर कोई मुद्रा प्राप्त होती है उसे महंगी मुद्रा कहते हैं!
  8. सुलभ मुद्रा:- जब किसी देश की मुद्रा की पूर्ति उसकी मांग से अधिक है तथा वह आसानी से उपलब्ध हो जाती है तो उसे सुलभ मुद्रा कहते हैं! जैसे- रुपया
  9. दुर्लभ मुद्रा:- जब किसी देश की मुद्रा की मांग उसकी पूर्ति से ज्यादा हो तथा वह आसानी से नहीं प्राप्त हो, दुर्लभ मुद्रा कहते हैं!
  10. आज्ञा प्राप्त मुद्रा:- जब किसी देश में युद्ध या अन्य किसी प्रकार का राजनीतिक संकट उत्पन्न होती है तो सरकार का खर्च बढ़ जाता है तो खर्च को पूरा करने के लिए संकट कालीन मुद्रा निकाली जाती है! ऐसी मुद्रा के पीछे कोई कोष (संग्रह) नहीं होता है!

विमुद्रीकरण:- जब सरकार पहले से चलन में विद्यमान मुद्रा को रद्द कर देती है अर्थात अवैधानिक घोषित कर देती है तो इसे विमुद्रीकरण कहा जाता है!

  • उदाहरण- 16 जनवरी 1978 को जनता दल की सरकार ने ₹1,000, ₹5,000 और ₹10,000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया था!
  • 8 नवंबर 2016 को रात 8:00 बजे से नरेंद्र मोदी ने ₹500 और ₹1,000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया था!
नोट:- 8 नवंबर 2016 को ₹500 और ₹1,000 के नोट बंद कर दिए गए तथा 10 नवंबर 2016 को ₹500 और ₹2,000 के नोट चालू किए गए!

रुपया का प्रतीक चिन्ह "₹"

  • भारतीय रुपए का प्रतीक चिन्ह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आदान-प्रदान तथा आर्थिक सबलता (मजबूती) को दर्शाता है!
  • रुपया का यह नया प्रतीक '₹' देवनागरी लिपि के 'र' और रोमन लिपि के अक्षर 'R' को मिलाकर बना है 'र' पर एक क्षैतिज रेखा खींची गई है! भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 को इस चिन्ह को स्वीकार कर लिया है! यह चिन्ह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुम्बई के पोस्ट ग्रेजुएट डिजाइनर श्री डी. उदय कुमार ने बनाया है!
  • अमेरिकी (डॉलर- $), ब्रिटिश (पाउंड- £), जापानी (येन- ¥) और यूरोपीय संघ (यूरो- €) के बाद रुपया- ₹ पांचवा ऐसी मुद्रा बन गया है जो उसके प्रतीक चिन्ह के द्वारा पहचाना जाएगा!
  • महात्मा गांधी वाले कागजी नोटों की श्रृंखला की शुरुआत 1996 ईस्वी में हुई जो आज तक चलन में है!
  • भारतीय रुपए के नोट के भाषा पटल पर भारत की 22 सरकारी भाषाओं में से 15 में, उनका मूल्य मुद्रित है जो इस क्रम में है- असमिया, बांगला, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगू और उर्दू है!
  • भारत के साथ ही भूटान, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, मारीशस, मालदीव और इंडोनेशिया में भी रुपए का चलन है!

भारतीय शेयर बाजार ( Indian Share Market)

शेयर बाजार:- शेयर व अंश पात्रों का क्रय विक्रय जिस बाजार में होता है उसे शेयर मार्केट करते हैं!

शेयर:- एक लिमिटेड सार्वजनिक कंपनी के संपूर्ण पूंजी को एक निश्चित रकम के हिस्से में विभाजित किया जाता है! विभाजित हिस्से के एक भाग को शेयर या अंश कहते हैं!
अधिकांश शेयरों पर दो मूल्य अंकित होते हैं-
  1. शेयर पर अंकित मूल्य
  2. जिस मूल्य पर शेयर को कंपनी बेचती है अर्थात आवंटित मूल्य!

बुल (तोगड़िया):- यस शेयर मार्केट के दलाल है जो शेयरों की कीमतों को बढ़ा देते हैं!

बियर:- यह भी शेयर मार्केट के दलाल हैं जो शेयरों के मूल्यों को गिरा देते हैं!

विश्व के प्रमुख शेयर बाजार-

  • बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (Bombay Stock Exchange):- या एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है! इसकी स्थापना 1875 में की गई थी! 
  • न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज:- यह न्यूयॉर्क सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित शेयर बाज़ार है। यह अगस्त 2010, US$11.92 ट्रिलियन पर अपनी सूचीबद्ध कंपनियों के बाज़ार पूंजीकरण के साथ विश्व का सबसे बड़ा शेयर बाज़ार है। 2008 में औसत दैनिक व्यापार मूल्य लगभग US$153 बिलियन था।
  • नैशनल स्टॉक एक्सचेंज:- यह भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। यह मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1992 में हुई थी। कारोबार के लिहाज से यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
  • शंघाई स्टॉक एक्सचेंज:- यह चीन के शंघाई शहर में स्थित एक शेयर बाजार है। यह पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में स्वतंत्र रूप से संचालित होने वाले दो स्टॉक एक्सचेंजों में से एक है, दूसरा शेन्जेन स्टॉक एक्सचेंज है। नवंबर 2018 तक $4.0 ट्रिलियन पर बाजार पूंजीकरण के आधार पर शंघाई स्टॉक एक्सचेंज दुनिया का चौथा सबसे बड़ा शेयर बाजार है।
  • हाँग-काँग स्टॉक एक्सचेंज
  • नैस्डैक टोक्यो स्टॉक एक्स्चेंज
  • लंदन स्टॉक एक्सचेंज

सेबी (SEBI - Security Exchange Board of India):- यह एक गैर संवैधानिक संस्था है! इसकी स्थापना 12 अप्रैल 1988 को की गई तथा इसका मुख्यालय मुंबई में स्थापित किया गया है! यह शेयर बाजार को मान्यता प्रदान करता है तथा उसको नियंत्रण करता है!

वित्त आयोग (Article-280 में):- केंद्र से राज्यों को वित्तीय स्थानांतरण के लिए दिशानिर्देश और सुझाव देने का कार्य वित्त आयोग का होता है!
राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक 5 वर्ष पर वित्त आयोग का गठन किया जाता है तथा इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद-280 में किया गया है!
वित्त आयोग का मुख्य कार्य केंद्र व राज्यों के बीच करों का विभाजन करना है!

कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

  • 1157 में इटली में स्थानीय लोगों द्वारा बैंक ऑफ वेनिस की स्थापना की गई!
  • विश्व में पहला बैंक 1401 में बैंक ऑफ बार्सिलोना (स्पेन) स्थापित की गई थी!
  • यूरोपीय बैंकिंग पद्धति पर आधारित भारत का प्रथम बैंक विदेशी पूंजी के सहयोग से अलेक्जेंडर एंड कंपनी द्वारा 1770 में बैंक ऑफ हिंदुस्तान की स्थापना की गई परंतु यह बैंक शीघ्र ही असफल हो गया!
  • 1813 में ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारी एकाधिकार समाप्त हो गया तथा प्रेसीडेंसी बैंकों की स्थापना शुरू हो गई!
  • 1806 में बैंक ऑफ़ बंगाल, 1840 में बैंक ऑफ मुंबई तथा 1843 में बैंक ऑफ मद्रास की स्थापना की गई!
  • 1921 में इन तीन बैंकों को मिलाकर इंपीरियर बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई और 1 जुलाई 1955 को राष्ट्रीयकरण के बाद इसका नाम एस.बी.आई. (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) रखा गया!
  • इलाहाबाद बैंक की स्थापना 1865 में की की गई!
  • एलाइंस बैंक ऑफ शिमला की स्थापना 1881 में की गई!
  • पीपुल्स बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना 1901 में की गई!
  • सीमित देयता के आधार पर 1881 में स्थापित अवध कमर्शियल बैंक (फैजाबाद) की स्थापना हुई यह सीमित देयता के आधार पर संचालित प्रथम भारतीय बैंक है!
  • पूर्ण रूप से पहला भारतीय बैंक पंजाब नेशनल बैंक है तथा इसकी स्थापना 19 मई 1894 को लाहौर में की गई थी!

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India)-

अधिनियम-1934 के तहत 1 अप्रैल 1935 को 5 करोड़ रुपए की अधिकृत पूंजी के साथ भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना की गई! 1 जनवरी 1949 को भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कर इसे भारत का केंद्रीय बैंक बना दिया गया! सर ओसबोर्न स्मिथ आरबीआई के प्रथम गवर्नर थे!

भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य:-

  • सरकारी बैंकर के रूप में कार्य करना
  • बैंकों के बैंकर के रूप में कार्य करना
  • नोटों का निर्गमन (छापना)
  • साख का नियंत्रण
  • विदेशी विनिमय पर नियंत्रण

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