इस पोस्ट में आप जानेंगे कि ओबीसी कैटेगरी (OBC category) क्या है? क्रीमी लेयर (Creamy layer) और नॉन क्रीमी लेयर (Non-Creamy layer) क्या होता है? क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर में क्या अंतर है? साथ ही आप यह भी जानने की ओबीसी कैटेगरी के अंतर्गत कौन-कौन से लोग आते हैं?


दोस्तों मैं आप सब को बता दूं, इस पोस्ट में केवल ओबीसी कैटेगरी के बारे में बात की गई है और किसी भी कैटेगरी का इस पोस्ट में जिक्र नहीं हुआ है! इसी पोस्ट में आप आगे जानेंगे कि ओबीसी कैटेगरी को और किन-किन भागों में बांटा गया है? अगर आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ेंगे तो आपको ओबीसी कैटेगरी से संबंधित सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे! 

ओबीसी (OBC Category) क्या है? 

दोस्तों ओबीसी का मतलब अन्य पिछड़ी जातियां होता है! यानी कि ओबीसी, OBC ka full form "Other Backward Categories" होता है!

दरअसल, हमारे देश में विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं! जब देश आजाद हुआ तू उस समय कुछ लोगों का समूह ऐसा भी था जो अपना और अपने परिवार की सर्वाइवल के लिए आर्थिक रूप से कमजोर था साथ ही साथ सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत पीछे था इन सभी लोगों के पिछड़ेपन दूर करने के उद्देश्य से इन्हें एक अलग श्रेणी में रखा गया जिसे ओबीसी यानी अन्य पिछड़ी जाति के नाम से भी जाना जाता है ऐसी कैटेगरी के लोगों को शिक्षा सामाजिक आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकारें भी जरूरी कदम उठा चुके हैं!

प्रिय पाठकों! मुझे आशा है कि अभी तक आप समझ गए होंगे कि ओबीसी कैटेगरी क्या है और इसे क्यों बनाया है? चलिए जानते हैं की ओबीसी कैटेगरी में क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर क्या होता है?

ओबीसी कैटेगरी में क्रीमी लेयर नॉन क्रीमी लेयर (Creamy layer and Non-Creamy layer) क्या है?

दोस्तों जब देश तरक्की की तरफ बढ़ने लगी तुम लोगों की आमदनी भी बढ़ी बढ़ने लगी और लोग सामाजिक आर्थिक व शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने लगी लेकिन अभी भी बहुत से लोग इन क्षेत्रों में कई कारणों से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे तब इन पिछड़े लोगों को समाज में आगे लाने के लिए ओबीसी कैटेगरी को ओबीसी कैटेगरी को दो पार्ट में दो भागों में बांट दिया गया-
  • क्रीमी लेयर (OBC-Creamy layer or OBC-CL)
  • नॉन-क्रीमी लेयर (OBC-Non-Creamy layer or OBC-NCL)

क्रीमी लेयर में इन लोगों को रखा गया है जो पिछड़ेपन से बाहर आ चुके हैं जबकि बचे हुए वे लोग जो अभी भी पिछड़ेपन से बाहर नहीं निकल पाए हैं उन्हें नॉन क्रीमी लेयर में रखा गया है!

सामान्य तो इन दोनों में जो अंतर है वह परिवार की वार्षिक आय को लेकर है! किसी भी व्यक्ति के माता-पिता की वार्षिक आय पर निर्भर करता है जी हां दोस्तों केवल और केवल व्यक्ति की माता-पिता की वार्षिक आय और किसी के भी आए को इसमें कंसीडर नहीं किया इसमें सम्मिलित नहीं किया यहां तक कि उस व्यक्ति के आय को भी सम्मिलित नहीं किया जाता!

आइए इसे और सरल भाषा में समझते हैं-
ओबीसी क्रीमी लेयर में ऐसे व्यक्ति आते हैं जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 8 लाख से ज्यादा होती है जबकि ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में ऐसे व्यक्तियों को रखा जाता है जिनकी माता-पिता की वार्षिक आय आठ लाख से कम होता है!

दोस्तों और गहराई से समझते हैं, ओबीसी कैटेगरी में क्रीमी लेयर में कौन-कौन से लोग आते हैं?
तो चलिए सबसे पहले उन लोगों की बात करते हैं जिनके माता-पिता आय का स्रोत प्राइवेट सेक्टर से संबंधित है यानी कि कोई व्यापार या कंपनी से तो उसके क्रीमी लेयर होने की क्या शर्त है-

अगर किसी व्यक्ति के माता पिता के पिछले 3 साल के वार्षिक आय का औसत 8 लाख से ज्यादा है तो वह ओबीसी क्रीमी लेयर के अंतर्गत आते हैं और हां दोस्त में माता-पिता की वेतन और कृषि से अर्जित आय को सम्मिलित नहीं किया जाता है इसके अलावा जो भी आए होता है केवल उसे ही सम्मिलित किया जाता है!


तो चलिए देखते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की माता पिता का आय का स्रोत गवर्नमेंट यानी कि सरकारी सेक्टर से हैं तो उसके क्रीमी लेयर होने की क्या शर्त है?

  • शर्त-1. इसके लिए जो पहला शर्त है अगर उसकी हम बात करें तो अगर किसी व्यक्ति की माता और पिता दोनों गवर्नमेंट सेक्टर में ग्रुप एक ही पद पर काम कर रहे हैं यानी कि ऊंचे पद पर काम कर रहे हैं तो वह व्यक्ति ओबीसी कैटेगरी के क्रीमी लेयर के अंतर्गत आता है
  • शर्त-2. अगर बात करें दूसरे शख्स की तो अगर किसी व्यक्ति की माता या पिता गवर्नमेंट सेक्टर के ग्रुप ए के पद पर काम कर रहे हैं तो वह व्यक्ति भी कोशिश ओबीसी कैटेगरी के क्रीमी लेयर के अंतर्गत आता है
  • शर्त-3.अगर बात करें तो ऐसे व्यक्ति जिनके माता और पिता दोनों गवर्नमेंट सेक्टर की ग्रुप बी में के पद पर काम कर रहे हैं ऐसे व्यक्ति भी ओबीसी कैटेगरी क्रीमी लेयर के अंतर्गत आते हैं
  • शर्त-4. अगर बात करें अगले सर्च की तो ऐसे व्यक्ति जिनके पिता गवर्नमेंट सेक्टर में ग्रुप डी के पद पर काम कर रहे हैं और अपने उम्र की 40 वर्ष पहले की ग्रुप एक ही पोस्ट के लिए प्रमोट हो जाते हैं ऐसी व्यक्ति ओबीसी कैटेगरी के क्रीमी लेयर के अंतर्गत आते हैं!

दोस्तों यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर किसी व्यक्ति की माता या पिता गवर्नमेंट जॉब के ग्रुप ए ग्रुप बी पद के अलावा किसी और पद पर कार्यरत हूं तो उन व्यक्तियों को क्रीमी लेयर में सम्मिलित नहीं किया जाता है!

दोस्त साथ ही साथ व्यक्ति भी क्रीमी लेयर में आते हैं जिनके माता-पिता देश की राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति हाई कोर्ट में जज या फिर देश की किसी राज्य के गवर्नर या फिर गवर्नर हूं!

इन लोगों के अलावा बचे हुए वे सभी लोग जो ओबीसी कैटेगरी में आते हैं वह ओबीसी के नॉन क्रीमी लेयर के अंतर्गत आते हैं!

तो दोस्तों हमें आशा है कि क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर से आप भली-भांति परिचित हो चुके होंगे और आप समझ गए होंगे कि ओबीसी कैटेगरी के अंतर्गत क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर क्या होता है!

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